Hosh (होश)
ग़म तुम लाते हो ज़िन्दगी में हमारे,
वो ज़ख्म आने नहीं देती,
ख़ुशी को तो एक पल में बिखेर देते हो तुम हमारी,
वो तो ख़ुशी को जाने ही नहीं देती,
होश मैं ला-ला कर तुम होश उड़ाती हो हमारे,
वो शराब है जो होश में आने ही नहीं देती।
Gham tum laate ho zindagi mein hamare,
wo zakhm aane nahi deti,
khushi to ek pal mein bikher dete to tum hamari,
wo to khushi ko jaane nahi deti,
hosh mein la la kar tum hosh udati ho hamare,
wo sharab hai jo hosh mein aane nahi deti.
- Unknown
वो ज़ख्म आने नहीं देती,
ख़ुशी को तो एक पल में बिखेर देते हो तुम हमारी,
वो तो ख़ुशी को जाने ही नहीं देती,
होश मैं ला-ला कर तुम होश उड़ाती हो हमारे,
वो शराब है जो होश में आने ही नहीं देती।
Gham tum laate ho zindagi mein hamare,
wo zakhm aane nahi deti,
khushi to ek pal mein bikher dete to tum hamari,
wo to khushi ko jaane nahi deti,
hosh mein la la kar tum hosh udati ho hamare,
wo sharab hai jo hosh mein aane nahi deti.
- Unknown
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