Waah Sharab (वाह शराब)

दूरियां आसानी से मिलाती है शराब,
मजबूरियों को नशे में नचाती है शराब।


आंसुओ को मिला दे तू अपने हर एक जाम में,
फिर देख कैसे यादों को और करीब लाती है शराब।

थक चुके हैं जो इस दुनिया के सितमो से,
उन्हें दो पल की राहत दिलाती है शराब।

पंख लगा के आसमान में उड़ जानते है जो पंछी,
दो घूंट में उन्हें बाँहो में ला सकती है शराब।

जिस का हाथ सारी दुनिया छोड़ देती है,
उनके हाथों में अक्सर पायी जाती है शराब।

कभी भी अपने गमों को भूलना हो तो कह देना,
कितने भी बड़े गम में किसीको भी हँसाती है शराब।

- Unknown

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