Kya hoga (क्या होगा)
क्यों डरें ज़िन्दगी में क्या होगा?
हर वक़्त क्यों सोचें की बुरा होगा,
हर वक़्त क्यों सोचें की बुरा होगा,
बढ़ते रहे मंज़िलों की ओर हम,
कुछ भी न मिला तो क्या होगा, तज़ुर्बा तो नया होगा....
कुछ भी न मिला तो क्या होगा, तज़ुर्बा तो नया होगा....
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Kyun darein zindagi mein kya hoga?
Har waqt kyun sochein ki bura hoga,
badhte rahein manzilon ki or hum,
kuch bhi na mila to kya hoga, tazurba to naya hoga....
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